Saturday, May 10, 2025

UP TGT परीक्षा 2025 स्थगित – 14 और 15 मई की परीक्षा अब नई तिथि पर होगी

 

टीजीटी भर्ती परीक्षा 2025 स्थगित – उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने लिया बड़ा फैसला

प्रयागराज, 9 मई 2025 – उत्तर प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) बनने का सपना देख रहे लाखों अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज द्वारा 14 और 15 मई 2025 को आयोजित की जाने वाली टीजीटी भर्ती परीक्षा को आयोग ने अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया है। इस निर्णय की जानकारी एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से दी गई है।

यह पत्र 09 मई 2025 को जारी किया गया है और इसे प्रयागराज से सभी संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है। पत्र में लिखा गया है कि परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय आयोग ने कई कारणों के चलते लिया है, जिन्हें तत्काल टीजीटी भर्ती परीक्षा 2025 स्थगित – उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने लिया बड़ा फैसला

रोकना आवश्यक हो गया था। इस निर्णय से न सिर्फ लाखों परीक्षार्थी प्रभावित हुए हैं, बल्कि परीक्षा केंद्रों पर चल रही तैयारियों पर भी रोक लग गई है।

क्या लिखा है आयोग के पत्र में?

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है:

"आयोग द्वारा प्रशिक्षित स्नातक संवर्ग (टी०जी०टी०) की लिखित परीक्षा दिनांक 14 एवं 15 मई 2025 को आयोजित की जानी थी। परंतु आयोग द्वारा उक्त आयोजित की जाने वाली परीक्षा को अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। परीक्षा की नवीन तिथि निर्धारित किए जाने के उपरांत पुनः परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराए जाने के सम्बन्ध में अलग से प्रचारित किया जाएगा।"

इस पत्र को जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा गया है। साथ ही, सभी संबंधित अधिकारियों को परीक्षा स्थगन की सूचना दी गई है।

टीजीटी परीक्षा का महत्व

उत्तर प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 6 से 10 तक पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी की आवश्यकता होती है। टीजीटी भर्ती परीक्षा के माध्यम से हजारों अभ्यर्थियों को सरकारी शिक्षक बनने का अवसर मिलता है। यह परीक्षा एक बहुत ही प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण परीक्षा मानी जाती है।

2025 की यह परीक्षा विज्ञापन संख्या 01/2022 के तहत ली जा रही थी। इसमें विभिन्न विषयों के हजारों पदों पर भर्ती होनी थी, जैसे – हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, जीवविज्ञान, संस्कृत, शारीरिक शिक्षा, कला, वाणिज्य, आदि।

क्यों हुआ परीक्षा स्थगित?

पत्र में स्थगन का कारण स्पष्ट रूप से “अपरिहार्य कारण” बताया गया है। इसका अर्थ यह होता है कि कुछ ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं जिन्हें टाला नहीं जा सकता था। ऐसे कारणों में शामिल हो सकते हैं|

लाखों अभ्यर्थी हुए प्रभावित

इस परीक्षा के लिए पूरे उत्तर प्रदेश से लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अधिकतर परीक्षार्थी अब अंतिम तैयारियों में जुटे थे। कई विद्यार्थी दूर-दराज से यात्रा की तैयारी कर चुके थे और कुछ ने होटल व यात्रा की बुकिंग भी कर ली थी।

परीक्षा स्थगित होने से न सिर्फ उनके समय और ऊर्जा पर असर पड़ा है, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें नुकसान हुआ है।

कुछ विद्यार्थियों की प्रतिक्रियाएँ इस प्रकार रहीं:

“हमने महीनों तैयारी की, अब फिर से कब परीक्षा होगी इसका कुछ पता नहीं।” – प्रीति शर्मा, कानपुर

“कम से कम आयोग को एक हफ्ता पहले सूचना देनी चाहिए थी।” – अर्जुन यादव, आजमगढ़

“गर्मी में परीक्षा देना मुश्किल था, अब स्थगन से थोड़ा राहत मिली है।” – नीरज वर्मा, झांसी

परीक्षा की नई तिथि कब घोषित होगी?

पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा की नई तिथि आयोग द्वारा जल्द तय की जाएगी। साथ ही, नए परीक्षा केंद्रों की जानकारी भी बाद में दी जाएगी। आयोग ने कहा है कि जैसे ही निर्णय लिया जाएगा, उसे आधिकारिक वेबसाइट और समाचार माध्यमों के द्वारा प्रचारित किया जाएगा।

परीक्षार्थियों को सलाह दी गई है कि वे उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट देखते रहें।

प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रभाव

परीक्षा को स्थगित करने का सीधा असर प्रशासनिक व्यवस्था पर भी पड़ा है। जिलों में परीक्षा केंद्रों की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी थी। केंद्रों पर निगरानी कैमरे, फर्नीचर, सीसीटीवी, सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति, उड़नदस्ता दल की तैनाती आदि की योजनाएं बनाई जा चुकी थीं।

अब इन सभी तैयारियों को स्थगित कर देना पड़ा है और दोबारा नए सिरे से तारीख आने के बाद सबकुछ प्लान करना पड़ेगा।

पूर्व में भी टल चुकी हैं परीक्षाएँ

उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी टीजीटी और पीजीटी की परीक्षाएँ कई बार स्थगित हो चुकी हैं। कभी पेपर लीक की घटनाओं के कारण तो कभी कानून व्यवस्था या चुनाव के चलते परीक्षाएं टाली गईं। यह स्थिति न सिर्फ परीक्षार्थियों के भविष्य पर असर डालती है, बल्कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी की समस्या को भी और गंभीर बना देती है।

शिक्षा विशेषज्ञों की राय

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाली परीक्षाओं को लेकर ठोस योजना बनाना ज़रूरी है। हर बार स्थगन से परीक्षा की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठते हैं। साथ ही, युवाओं का सरकारी नौकरी की तैयारी से विश्वास भी कम होता है।

अभ्यर्थियों के लिए सुझाव

टीजीटी परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए इस समय धैर्य रखना जरूरी है। उन्हें परीक्षा की तैयारी जारी रखनी चाहिए और निम्नलिखित सुझावों का पालन करना चाहिए:

1. आधिकारिक वेबसाइट पर परीक्षा की नई तारीख की सूचना देखते रहें।

2. अफवाहों से बचें, सिर्फ आयोग की सूचना पर ही विश्वास करें।

3. अपनी पढ़ाई का रिवीजन करते रहें।

4. स्वास्थ्य का ध्यान रखें, खासकर गर्मी में।

5. यात्रा और रहने की व्यवस्थाएं दोबारा बुक करने से पहले नई तारीख का इंतजार करें।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में टीजीटी शिक्षक बनने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। परीक्षा स्थगित होना एक अस्थायी बाधा है, लेकिन इससे निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आयोग द्वारा परीक्षा की नई तारीख जल्द घोषित किए जाने की उम्मीद है। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी पढ़ाई और तैयारी पर ध्यान केंद्रित रखें और किसी भी प्रकार की अफवाह से दूर रहें।

शिक्षा विभाग को चाहिए कि भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए एक स्थिर और ठोस परीक्षा तिथि निर्धारण नीति बनाए जिससे परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और अभ्यर्थियों का विश्वास बना रहे।


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