यह खबर उत्तर प्रदेश के उन 35 हजार से ज्यादा शिक्षकों के लिए एक बड़ा झटका है, जो 2004 में नियुक्त हुए थे और उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने एक पत्र में साफ कर दिया है कि इन शिक्षकों को अब पुरानी पेंशन योजना का फायदा नहीं दिया जाएगा। यह जानकारी प्रयागराज से आई है, जहां यह मामला लंबे समय से चर्चा में था।
यह बात इसलिए जरूरी है क्योंकि सरकार ने 1 जनवरी 2004 से नई पेंशन योजना लागू कर दी थी, जिसके बाद पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था। लेकिन 2004 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, और बहुत से शिक्षकों को लगता है कि उन्हें उसी समय की पेंशन योजना मिलनी चाहिए। उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई थी, इसलिए उन्हें भी पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने जो जवाब दिया, उसमें कहा गया है कि 2004 की भर्ती प्रक्रिया भले ही उस साल शुरू हुई थी, लेकिन नियुक्ति पत्र दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में जारी किए गए थे। उस समय तक पुरानी पेंशन योजना बंद हो चुकी थी और नई योजना लागू हो चुकी थी। इसी वजह से इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन नहीं दी जा सकती।
शिक्षकों की तरफ से विधान परिषद में एमएलसी अरुण कुमार पाठक ने यह सवाल उठाया था। उन्होंने मांग की थी कि 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि यह संभव नहीं है, क्योंकि नियम साफ हैं कि जो भी नियुक्ति 31 अक्टूबर 2005 के बाद हुई है, उन्हें नई पेंशन योजना के अनुसार ही लाभ मिलेगा।
शिक्षकों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि उन्होंने परीक्षा और चयन की प्रक्रिया 2004 में पूरी कर ली थी। लेकिन जब नियुक्ति पत्र मिला, तब तक नियम बदल चुके थे। इस कारण उन्हें पुरानी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि यह उनके साथ अन्याय है।
इस भर्ती के तहत लगभग 35,378 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। यह नियुक्ति प्रक्रिया ‘बीटीसी-2004’ नाम से जानी जाती है। इन शिक्षकों ने 2004 में प्रशिक्षण शुरू किया था और उसके बाद चयनित होकर नियुक्त हुए। लेकिन विभाग का कहना है कि भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने की तिथि ही मान्य होती है, न कि सिर्फ चयन या प्रशिक्षण की तारीख।
सरकार का कहना है कि उन्होंने 31 अक्टूबर 2005 को एक शासनादेश जारी किया था, जिसमें साफ लिखा था कि इस तारीख के बाद जिनकी नियुक्ति होगी, उन्हें नई पेंशन योजना में ही रखा जाएगा। चूंकि बीटीसी-2004 बैच के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में मिला, इसलिए वे उस आदेश के तहत आते हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद ने यह भी कहा है कि शासन के आदेश और नियमों के अनुसार ही शिक्षकों को लाभ मिल सकता है। इसलिए इस मामले में किसी तरह की छूट या विशेष अनुमति नहीं दी जा सकती। जो नियुक्तियां आदेश के बाद हुई हैं, उन्हें पुरानी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
हालांकि शिक्षक इस फैसले से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि यह नाइंसाफी है। उन्होंने 2004 में परीक्षाएं दीं, प्रशिक्षण लिया, और नियुक्ति प्रक्रिया में समय लगाया। अब सिर्फ इस कारण कि नियुक्ति पत्र कुछ समय बाद मिला, उन्हें पुरानी योजना से बाहर कर दिया गया। यह उनके साथ अन्याय है।
शिक्षकों का कहना है कि सरकार को इस मामले में सहानुभूति दिखानी चाहिए। उन्हें वह लाभ मिलना चाहिए जो उनके साथियों को पहले मिला था। यदि नियुक्ति प्रक्रिया में देरी सरकार की ओर से हुई थी, तो उसकी सजा शिक्षकों को नहीं मिलनी चाहिए।
कई शिक्षक संगठनों ने भी इस फैसले का विरोध किया है और सरकार से मांग की है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे। उनका कहना है कि अगर सरकार चाहें तो इस पर विशेष छूट देकर शिक्षकों को पुरानी योजना में शामिल कर सकती है।
फिलहाल सरकार ने यह साफ कर दिया है कि बीटीसी-2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना नहीं मिलेगी। यह आदेश 28 जून 2024 तक लागू रहेगा और आगे भी इसमें बदलाव की संभावना कम ही है।
इस फैसले से हजारों शिक्षक प्रभावित होंगे। उन्होंने सालों तक सेवा दी है और अब उन्हें नई योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन पर निर्भर रहना होगा। नई पेंशन योजना में मिलने वाली रकम निश्चित नहीं होती, इसलिए बुजुर्ग अवस्था में परेशानी हो सकती है।
इसलिए शिक्षक चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे और पुरानी योजना को उनके लिए फिर से लागू करे। अगर यह नहीं होता है, तो शिक्षक संगठन आंदोलन की राह भी अपना सकते हैं या अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।
कुल मिलाकर यह मामला भावनात्मक, प्रशासनिक और कानूनी तीनों रूपों में काफी बड़ा है। शिक्षक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं और सरकार नियमों का पालन करने की बात कर रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में कोई राहत देती है या नहीं। शिक्षक उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में उनके साथ न्याय होगा।
👉Historic MoU between UP Government and Monash University
👉Help from just 155 rupees to 48 lakh rupees👉Jamia Urdu Degrees Rejected by Court for Teacher Jobs👉यूपी सरकार और मोनाश यूनिवर्सिटी के बीच ऐतिहासिक एमओयू
https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/%20Global%20Opportunities%20for%20Students%20%20Teachers.html
👉बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलावों की ओर उत्तर प्रदेश https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/basic-shiksha-yojna-2025.html
👉जामिया उर्दू की डिग्रियां अमान्य, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/jamia-urdu-verdict-2025.html
👉भारत में फिर लौटा कोरोना, मुंबई में 53 नए केस, सतर्कता ज़रूरी https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/corona.html
👉उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में बनेगा आधुनिक सुविधाओं से युक्त मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूल https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/abhyudhya.html
शिक्षकों ने गरीब लड़की की शादी के लिए की मदद https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/poorgirl.html
👉शिक्षक: समाज के सच्चे हीरो और जीवन के मार्गदर्शक https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/heroesofsociety.html
👉TSCT द्वारा शिक्षामित्र परिवार को पक्की छत का सहारा https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/TSCT.html
👉विद्यालय में तोड़फोड़ से हड़कंप
https://upbasicschoolnews.blogspot.com/2025/05/phulkia-munger.html
0 comments:
Post a Comment