लखनऊ। प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरुप्रसाद ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि गर्मी व लू को देखते हुए दैनिक मजदूरों के काम समय में अपराह्न 12 से 3 बजे के बीच छूट दी जाए और स्कूलों के समय में परिवर्तन कर प्रातः कालीन सत्र चलाए जाएं। बचाव के लिए दवाओं का भी इंतजाम रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि तापमान में वृद्धि हो रही है इसलिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। भीषण गर्मी व लू को देखते हुए प्रमुख मार्गों और अन्य प्रमुख स्थानों पर पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। लोगों को बीमारी की स्थिति में चिकित्सा सुविधा तत्काल उपलब्ध कराया जाए।
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अनावश्यक बिजली की कटौती न की जाए।
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा जारी की जाने वाली पूर्व चेतावनियों के आधार पर अलर्ट रहकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने बुन्देलखण्ड विवि के जिलों द्वारा मौसम संबंधी अलर्ट पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र के जिलों में पेयजल संकट के दृष्टिगत टैंकर्स के माध्यम से जलापूर्ति के निर्देश दिए। टैंकरों की निगरानी जीपीएस टैªकर डिवाइस से की जाए। खुले पार्कों में छाया की समुचित व्यवस्था की जाए।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा कि हीटवेव के दृष्टिगत सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगवाए जाएं। हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए छायादार स्थलों को विकसित किया जाए। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों में भीषण गर्मी व लू के कारण अचानक भर्ती होने वाले मरीजों के लिए उपयुक्त दवाओं का समुचित स्टाक रखें।
👉गर्मी में बाहेर निकलने से बचें जब अति आवश्यक हो तभी बाहेर निकलें
👉गर्मी से बचने के लिए आवश्यक मात्र में पानी अवश्य पियें साथ में ग्लूकोस ,एलेक्ट्रोल् आदि का सेवन भी किया जाये
👉लू से बचने के लिए बाहेर निकलने पर टोपी, छाता या गमछा साथ में अवश्य ले केर चलें
👉स्वास्थ्य केंद्रों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओआरएस पैकेट की समुचित व्यवस्था की जाए। शॉर्ट सर्किट व चिंगारी से आग लगने की घटनाओं की संभावनाओं के दृष्टिगत अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को अत्यधिक सचेत रहने का निर्देश दिया।
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लू लगना क्या है?
जो अत्यधिक गर्मी के कारण लगती है। यह तब होता है जब शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है और शरीर उसे नियंत्रित नहीं कर पाता। लू लगने से शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान हो सकता है, खासकर मस्तिष्क को |
लू लगने के प्रमुख कारण....
1. धूप में अधिक समय बिताना - यदि आप अत्यधिक गर्मी में बिना किसी बाहरी सुरक्षा के ज्यादा समय बिताते हैं, तो शरीर में गर्मी बढ़ जाती है।
2. पानी की कमी (Dehydration)- पानी की कमी के कारण शरीर का पानी पसीने या अन्य प्रकार से शरीर से बाहर निकलने लगता है, जिससे शरीर कि गर्मी को नियंत्रित करना बड़ा कठिन हो जाता है।
3. अत्यधिक शारीरिक श्रम- जब बहुत अधिक मेहनत का काम,अधिक गर्मी में व्यायाम में किया जाता है, तो शरीर को का तापमान बढ़ जाता है।
4. मदिरापान और ड्रग्स का सेवन- अल्कोहल या अन्य ड्रग्स के लेने से शरीर का तापमान नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है।
5. बूढ़े , बच्चे और बीमार - कमजोर इम्यून वाले और बीमार लोग लू से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
लू लगने के लक्षण.....
1. लू लगने से व्यक्ति को उलझन होने लगती है और बेहोशी का अहसास हो सकता है।
2. शरीर का तापमान 40°C (104°F) या उससे ऊपर बढ़ सकता है।
3. लू लगने के कारण पसीना आना बंद हो सकता या कम हो जाता है, जो आमतौर पर शरीर की गर्मी को नियंत्रित करता है।
4. शरीर गर्म और सूखा हो सकती है, क्योंकि पसीना रुक जाता है।
5. तेज सांस लेने लगता है या सांस में दिक्कत महसूस होती है|
6. हार्ट बीट बढ़ सकती है, जिससे घबराहट महसूस हो सकती है।
7. हाँथ ,पेरों में ऐठन या कमजोरी लगती है|
लू से होने वाली समस्याएं.....
· लू से मस्तिष्क में गंभीर को बहुत नुकशान हो सकता है, जो मानसिक भ्रम, दौरे (seizures) और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को उत्पन्न केर सकता है|
· लू लगने से किडनी, लिवर, और हृदय आदि महेत्व्पूर्ण अंग प्रभावेत हो सकतें हैं|
· पानी की कमी के कारण शरीर के अंग सही से काम करना बंद कर सकते हैं।
लू से बचाव और इलाज......
1. लू लगने के बाद, व्यक्ति को तुरंत ठन्डे स्थान पर ले जाएं और उसके शरीर को गीले कपड़े से पोंछते रहें
2. मरीज को तुरंत पानी या नारियल पानी दें। पानी की कमी होने कि स्थिति में ओआरएस (ORS) या इलेक्ट्रोलाइट्स वाले पेय पदार्थ दें।
3. मरीज को ठन्डे और हवादार स्थान पर रखें|
4. अगर मरीज की स्थिति जादा गंभीर लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें|
5 हल्के, ढीले और लाइट कलर के सूती कपड़े पहनें। दोपहर में बाहर जाने से बचें|
6. नियमित रूप से पानी अधिक पिएं, खासकर गर्मी में।
7. बाहर जाने की बजाय छांव या ठंडी जगह पर रहें।
8. ताजे फल, सब्जियां और ठंडी चीज़ों का सेवन ज्यादा से ज्याद करें। तली-भुनी और मसालेदार चीजों से बचें
लू से बचने के उपाए......
लू से बचने के लिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है| गर्मी केदिनों में जब तापमान बहुत अधिक हो जाता है। तब लू लगने से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं क्यों कि इलाज़ से अच्छा और सस्ता बचाव होता है .....
1. पानी की भरपूर मात्रा लें .
· गर्मी में शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जिससे पानी की कमी होना स्वभाविक है। इसे रोकने के लिए एक निश्चित अन्तराल पर पानी पीते रहें।
· केवल पानी ही नहीं, बल्कि नारियल पानी, लस्सी, फलों का रस और इलेक्ट्रोलाइट्स भी साथ में लेते रहें । इससे शरीर में पानी कि कमी न हो|
· अत्यधिक गर्मी या मेहनत के बाद पसीना बहुत ज्यादा बह जाता है,तो ओआरएस (ORS) का सेवन अवश्य करें, जिससे कि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न हो।
2. बाहर जाने से बचें....
· दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच जब सूरज सबसे तेज़ होता है, बाहर जाने से बचें। इस समय में सूर्य की किरणें बहुत तीव्र होती हैं और शरीर जल्दी गर्म हो सकता है।
· अगर बाहर जाना ही हो, तो छाता, टोपी,गमछा या दुपट्टा ले केर ही निकलें|
· गर्मी से बचने के लिए ठंडी और हवादार जगह पर रहना सबसे बेहतर है।
3. हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें....
· हल्के रंग के कपड़े गर्मी में अच्छे रहते हैं क्योंकि वे सूर्य की किरणों को अवशोषित नहीं करते।
· सूती कपड़े में पसीने को सोखते हैं और शरीर को ठंडा रखते हैं। ढीले कपड़े पहनेंजिससे कि शरीर में पर्याप्त हवा लागे|
· टाईट कपड़े गर्मी में न पहनें क्योंकि ये पसीने को शोख नहीं पाते और शरीर को गर्म करते हैं।
4. सर्दी-गर्म के अंतर को नियंत्रित करें
· रोज़ ठंडे पानी से नहाना जरुर चाहिए , ताकि शरीरकी गर्मी निकलती रहे।
· गर्म पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान और बढ़ सकता है, इसलिए हमेशा ठंडे पानी से ही स्नान करें।
5. सूरज की सीधी किरणों से बचें....
· धूप से बचने के लिए टोपी या गमछा का इस्तेमाल करें और धूप से बचने के लिए सनग्लासेस का उपयोग करें।
· अगर आपको बाहर निकलना है, तो पुरे कपडे पहेनकर ही निकलें,अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन (SPF 30+ या उससे अधिक) लगाएं ताकि त्वचा जलने से बच सके और धूप से बचाव हो सके।
6. शारीरिक श्रम कम करें
· अत्यधिक मेहनत या जिम करना गर्मी में शरीर को और ज्यादा गर्म करता है । अगर व्यायाम करना जरूरी हो, तो सुबह या शाम के समय करें|
· अगर आप बाहर खुले में काम कर रहे हैं, तो बीच-बीच में ठंडा पानी पीते रहें और साथ में आराम जरुर करें और खुद को ठंडा रखें।
7. स्वस्थ आहार लें
· बॉडी को ठंडा रखने के लिए ताजे और मौसमी फल (जैसे तरबूज, खीरा, संतरा, नारंगी) और मौसमी सब्जियाँ खाएं|
· तला-भुना और ज्यादा मसालेदार भोजन करने से बचें और अधिक गर्मी आ सकती है। हल्का और ताजगी से भरपूर आहार लें।
· दही,रायता और लस्सी पाचन को ठीक रखते हैं और बॉडी को ठंडा रखते हैं।
8. मौसम की जानकारी रखें
· जब भी घर से बाहर निकलें, तो मौसम के बारे में पूरी जानकारी अवश्य लें| ताकि आप उचित समय पर बाहर निकल सकें।
· अत्यधिक गरम मौसम हो तो इस दौरान घर से बाहर न निकलें|
9. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
· बच्चों और बुजुर्गों में अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है।क्योंकि इनके शरीर में तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता दुर्बल होती है, इसलिए ऐसी जगह पर रखें जहाँ ठंडी हो| और उन्हें पानी खूब पिलाएं।
· गर्मी में ज़मीन गर्म हो सकती है, इसलिए बाहर जाते समय हल्के और आरामदायक जूते या चप्पल अवश्य पहनें।
10. लू के लक्षणों का पता लगाएं और तुरंत प्रतिक्रिया करें
· अगर लू के लक्षण (जैसे अत्यधिक पसीना रुकना, त्वचा का सूखा और गर्म होना, सिर दर्द, उलझन या चक्कर आना) दिखें, तो तुरंत प्राथमिक उपचार करें।
· ठंडी जगह पर रखें, पानी पिलाएं, और चिकित्सकीय सहायता लें यदि लक्षण गंभीर हों
गर्मी से बचने के लिए क्या करें ?
1. पानी का सेवन बढ़ाएं:
· गर्मी में शरीर में पानी की कमी जल्दी हो सकती है, इसलिए दिनभर पानी पीते रहें। इसके अलावा, नारियल पानी, लस्सी, और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर पेय पदार्थ भी पी सकते हैं।
· ताजे फलों का रस (जैसे तरबूज, नारंगी, खीरा) पीना भी शरीर को ठंडा करता है।
2. हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें:
· हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनें। ये कपड़े पसीने को अवशोषित करते हैं और शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
· ढीले कपड़े पहनने से पसीना बाहर निकलने में मदद मिलती है और शरीर में ठंडक बनी रहती है।
3. शरीर को ठंडा रखें:
· अगर बाहर गर्मी बहुत अधिक है, तो शेड या किसी ठंडी जगह पर रहें।
· चेहरे और शरीर को गीले कपड़े से पोंछने से भी आराम मिलता है।
· अगर संभव हो तो एसी या कूलर का इस्तेमाल करें, और फैन का उपयोग भी करें।
· सिर, गर्दन और कलाई पर ठंडे पानी से सिंकाई करें।
4. अधिक गर्मी में बाहर न निकलें:
· दिन के सबसे गर्म समय (दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक) में बाहर जाने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो सिर पर टोपी या दुपट्टा रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
· धूप में चलने से पहले सनस्क्रीन लगाना भी मददगार हो सकता है।
5. आहार में बदलाव करें:
· हल्का और ताजे फल-सब्जियों से भरपूर आहार लें। मिर्च-मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि ये शरीर को अधिक गर्म कर सकते हैं।
· दही, खीरा, और ताजे फलों को अपने आहार में शामिल करें, क्योंकि ये ठंडे और हाइड्रेटिंग होते हैं।
6. व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों में कमी करें:
· गर्मी में अधिक शारीरिक गतिविधि से बचें, क्योंकि इससे शरीर में गर्मी और अधिक बढ़ जाती है।
· हल्का व्यायाम या योग करना अच्छा है, लेकिन अधिक पसीना न बहाएं।
7. आइस पैक का उपयोग करें:
· आप शरीर के कुछ हिस्सों (जैसे गले, माथे, और हाथों) पर आइस पैक रख सकते हैं ताकि शरीर को ठंडक मिले।
8. गर्म पानी से स्नान न करें:
· गर्मी में गरम पानी से स्नान करने से शरीर और अधिक गर्म हो सकता है, इसलिए ठंडे पानी से स्नान करें।
9. घरेलू नुस्खे:
· तुलसी के पत्तों का रस: तुलसी के पत्तों को पीसकर उसका रस पिएं, यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
· नींबू पानी: नींबू का रस, पानी में मिला कर पीने से भी शरीर ठंडा रहता है।
· पुदीना: पुदीने की पत्तियों से बना पानी शरीर को ठंडा करता है। आप इसे पानी में डालकर पी सकते हैं या पुदीना का रस भी पी सकते हैं।
गर्मी से बचने के इन उपायों को अपनाकर आप शरीर को ठंडा और स्वस्थ रख सकते हैं।
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लू से बचने ले लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम ....
लू से बचने के लिए सरकारों ने समय-समय पर विभिन्न कदम उठाये हैं ताकि लोगों को लू से सुरक्षित रखा जा सके और लू से होने वाली बीमारियों को कम किया जा सके। यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं जो लू से बचेने में मदद करती हैं|
1. मौसम का पूर्वानुमान और चेतावनियाँ........
· मौसम विभाग द्वारा नियमित रूप से लू की चेतावनी जारी की जाती हैं, जिससे लोग सतर्क रहें और गर्मी में बाहर न निकलें| सरकार इस जानकारी को मीडिया, मोबाइल ऐप, रेडियो, टीवी और अन्य माध्यम से जनता तक पहुंचाने का प्रयाश करती है|
· विशेष मौसम केंद्र स्थापित किए गयेहैं जो गर्मी के दिनों में तापमान और नमी की निगरानी करते हैं और आवश्यक चेतावनियाँ समय-समय पर जारी करते हैं।
2. पानी और जल आपूर्ति की व्यवस्था......
· गर्मी के दिनों में पानी की भारी मांगको पूरा करती है| इसके लिए विशेष उपाय करती हैं। जैसे, जलाशयों, कुओं और नलों से पानी की सप्लाई बढ़ाना।
· प्रमुख सार्वजनिक स्थानों और बस स्टैंडों, रेलवे स्टेशनों पर पानी के बूथ लगाए जाते हैं, जहां लोग मुफ्त में पानी पी सकते हैं।
· सरकारें कभी-कभी विशेष कार्यक्रमों के तहत सार्वजनिक स्थलों पर नारियल पानी, लस्सी, ठंडे पेय पदार्थ आदि वितरित करवाती हैं।
3. स्वास्थ्य जागरूकता और शिक्षा अभियान.......
· सरकारें और स्वास्थ्य विभाग मीडिया (टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया) के माध्यम से लू से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता करते हैं। इसमें पानी पीने, हल्के कपड़े पहनने, जैसे संदेश दिए जाते हैं।
· स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाते हैं,जिससे लोग लू से संबंधित समस्याओं के बारे में मदद ले सकें।
· सरकार डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए विशेष ट्रेनिंग देती हैं और इलाज के लिए गाइडलाइन जारी करती हैं।
4. आकस्मिक चिकित्सा सेवाएँ.....
· स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष आपातकालीन सेवाएं शुरू की जाती हैं ताकि लू के शिकार लोगों को तुरंत उपचार मिल सके। मेडिकल यूनिट्स भी गर्मी में दूर-दराज के इलाकों में भेजी जाती हैं।
· गर्मी के मौसम में लोगों को राहत देने के लिए सरकारें अस्थायी ठंडे शेल्टर या "कूलिंग सेंटर" स्थापित करती हैं, जहां लोग गर्मी से बचने के लिए ठंडी जगह पर आराम कर सकते हैं।
5. शहरी योजनाएँ और हरे-भरे क्षेत्र.....
· शहरी इलाकों में हरियाली बढ़ाने के लिए सरकारें वृक्षारोपण अभियान चलाती हैं और पार्कों का विकास करती हैं, जिससे शहर में ठंडी छांव बनी रहती है और वातावरण में ठंडक बनी रहती है।
· सार्वजनिक स्थानों पर ठंडक देने के लिए पंखे और कूलर आदि लगाए जाते हैं|
6. कृषि विभाग द्वारा कदम.....
· कृषि विभाग की तरफ से किसानों को मौसम के बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि वे अपनी फसलें गर्मी के मौसम के अनुसार सही समय पर काट सकें और नुकसान से बच सकें।
· लू के दौरान फसलों को क्षति से बचने के लिए सरकारें किसानों को राहत पैकेज और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को नुकसान से बचा सकें।
8. विशेष अभियान और राहत कार्य.....
· सरकार गर्मी गर्गमी के दिनों में गरीब और बेघर लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ठंडे पानी, चश्मे, टोपी, और छाते जैसी राहत सामग्री वितरित करती हैं।
· जब गर्मी के कारणकुछ विशेष क्षेत्रों में संकट अधिक बढ़ जाता है, तो सरकार राहत कार्य भी शुरू करती है, जैसे चिकित्सा सहायता, ठंडे पेय पदार्थ आदि |
9. नियंत्रण और निगरानी......
· सरकारें और संबंधित एजेंसियां लू के दौरान वाली मौतों और स्वास्थ्य समस्याओं की निगरानी करती हैं। प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके राहत और चिकित्सा सेवाओं का प्रबंधन किया जाता है।
· लू से बचाव के लिए राज्य और केंद्र सरकार आपातकालीन योजनाओं की तैयारी करती हैं|