बेसिक स्कूलों का समय बदलने की मांग, संघ ने पेश किया समाधान
उत्तर प्रदेश में तेज़ गर्मी और बच्चों को हीटवेव से बचाने के लिए शिक्षक संगठनों ने परिषदीय स्कूलों का समय बदलने की मांग की है। रास्ट्रीय शक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष म,अनोज शुक्ल ने कहा कि गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों का समय सुबह का रखा जाए।
उन्होंने कहा कि कई जिलों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है और लू भी चलने लगी है। दोपहर के समय बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए उन्होंने यह सुझाव दिया कि प्रदेश भर के कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों का समय बदलकर सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया जाए। इसके साथ ही,बच्चों और उनके माता-पिता को गर्मी और लू से बचने के बारे में जागरूक करने की भी अपील की गई है।
शिक्षक संघ ने यह भी कहा कि स्कूलों में जलवायु और मौसम के असर से बचाव के लिए उचित उपाय किए जाएं। बच्चों को हाइड्रेटेड रखने और उन्हें गर्मी से बचाने के लिए स्कूलों में पानी के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। इसके अलावा, गर्मी की छुट्टियों का समय भी बढ़ाने की मांग की गई है ताकि बच्चों को तेज़ गर्मी से राहत मिल सके।
संघ ने शासन से अपील की है कि बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस फैसले पर कार्रवाई की जाए।
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गर्मी और लू से बच्चों को बचाने के उपाय……
👉गर्मी और लू से बच्चों को बचाने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां अपनानी चाहिए। अगर हम इनका पालन करें, तो बच्चों को गर्मी से होने वाली समस्याओं से बचाया जा सकता है।
👉बच्चों को गर्मी में हमेशा पानी पीने के लिए कहें, क्योंकि पानी की कमी से शरीर कमजोर हो सकता है। हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनने से बच्चों को गर्मी में आराम मिलता है और पसीना जल्दी सूखता है।
👉बच्चों को बाहर निकलते समय सूरज की तेज़ रोशनी से बचाना बहुत ज़रूरी है। अगर बाहर जाना हो, तो छाता, टोपी या रूमाल का इस्तेमाल करें। गर्मी में बच्चों को ठंडी जगह पर रखना चाहिए। घर के अंदर एसी या पंखे के नीचे रखना सही रहेगा। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो हवादार या छायादार जगहों पर रखें।
👉गर्मी में खाने-पीने की चीज़ें जल्दी खराब हो सकती हैं। बच्चों को ताजे और सुरक्षित खाने का ही ध्यान रखें। गर्मी में ताजे फल और हरी-सब्जियां खिलाएं, जो शरीर को ठंडा रखते हैं।
👉गर्मी में बच्चों को ज्यादा शारीरिक मेहनत से बचाना चाहिए। उन्हें हल्की-फुल्की गतिविधियों के लिए कहें और बाहर खेलने के बजाय घर के अंदर खेलने की सलाह दें।
👉जैसा कि शिक्षक संघ ने कहा है, स्कूलों का समय सुबह में बदलना चाहिए, ताकि बच्चे गर्मी और लू से बच सकें। गर्मी के समय बच्चों के लिए ज्यादा छुट्टियां और शेड्यूल में लचीलापन होना चाहिए, ताकि वे तेज़ गर्मी से सुरक्षित रह सकें।
इन सावधानियों का पालन करने से बच्चों को गर्मी और लू से बचाया जा सकता है और उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा।
लू लगने के लक्षण…
👉लू लगने पर शरीर का तापमान 40°C (104°F) या इससे ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे तेज़ बुखार हो सकता है। इस दौरान पसीना आना बंद हो जाता है, जिससे शरीर का तापमान और बढ़ जाता है। व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं और सिर घुमा सा महसूस हो सकता है, जिससे कमजोरी महसूस होती है। कभी-कभी मानसिक उलझन या भ्रम भी हो सकता है, और व्यक्ति को सोचने या समझने में कठिनाई हो सकती है।
👉लू लगने पर त्वचा गर्म और सूखी हो जाती है, क्योंकि पसीना निकलना बंद हो जाता है। व्यक्ति को घबराहट हो सकती है, दिल की धड़कन तेज़ हो सकती है और सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। सांसों की गति तेज़ हो सकती है और सांस लेना कठिन हो सकता है। इसके अलावा, उल्टी, मिचली, या पेट में दर्द भी हो सकता है।
👉अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत व्यक्ति को ठंडी जगह पर ले जाएं, पानी पिलाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। लू लगने की स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए जितना जल्दी इलाज किया जाएगा, उतना बेहतर रहेगा।
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